Monday, April 20, 2020

Mai chalunga

सपनों के तकिये पे,
आंखों के द्वार से,
सच्चाई की कठोरता से अंजान,
मै चलूंगा।

कुछ दोस्त ही है अपने,
चंद हसीं के खुल्लो से,
वसुल कर हर एक क्षण,
मै चलूंगा।

इच्छाएं है आसमान सी,
उम्मीदें बिखर रही सूरज की,
रोशन कर मेरा जहां,
मै चलूंगा।

कहानी अब तक,ना कोई मेरी,
बर्दास्त कर रहा, हकीकत मेरी,
कुछ कम, कुछ ज्यादा,
मै चलूंगा।

Friday, April 17, 2020

Aaj Nahi

एक एक पल लगा,
तुम्हें अपना बनाने में ,
गैर करने में भी,
पर आज नहीं।

उस वक़्त के गाने,
मुस्कुराने के कई,
 ग़म के भी कई,
पर आज नहीं।

सफ़र के वो नज़ारे,
तुम्हारे पास आने के,
 दूर जाने के भी,
पर आज नहीं।

कई नाम होते थे अपने,
प्यार के खूब,
नफ़रत के भी कितने,
पर आज नहीं।

सवालों के जवाब,
इकरार के बहाने,
ना करने के भी लाजवाब,
पर आज नहीं।

नाम से तुम्हारे,
मचलते थे हम,
तड़पते भी थे बेसहारे,
सिर्फ, आज नहीं।

Wednesday, April 15, 2020

Dead inside


A better world,
All that is sought;
A white veil opens,
At every thought.

Flowers, like us,
Meant to be smelt;
Odd smell gulfs in,
At every belt.

Smile for people,
Lips do, eyes don't;
Fakeness freezes,
Until realities jolt.

So much cacophony,
Around and around;
Silence takes the centre,
With every sound.

Touch and feel,
Oh, my beloved;
A seething solitude,
Down, as it is laid.

Breathe in and out,
A life , is it?
Heart stops, often,
A death, it isn't!